क्षत्रिय चारण

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रविवार, 29 जुलाई 2018

चारणो मे सिंहढायच वंश की जागीरे

🚩 *सिंहढायच वंश की जागीरे*🦅

*🚩मोगडा🦅:- चारण नरसिंह जी  भांचलीया को मंडोर के शासक पडीहार नाहडराव ने सवंत 1116 मे हाथी घोडा व सोना जवेरात भेंट कर सोनानवेस आलीशान  "मोघडा" जागीर प्रदान की । राज्य के दसोंदी पद से सुसोभीत कर दरबार मे सन्मान भरा स्थान दीया।ईनके वंशज सिंहढायच कहेलाते है। यह जागीर ग्राम सिंहढायचो का मुळ स्थान है।*

रैवाडा:- चारण चैनसिंह बीजावत सिंहढायच को कुंपा जोगावत सिवाणा ने 1710 से पूर्व रैवाडा जागीर प्रदान की।

उजला:- ठा.लालसिंह नोखावत सिंहढायच को रावल गौवींद नरावत ने उजला जागीर प्रदान की।

पूनावा:-ठा.पूनाजी सिंहढायच को सीरोही राव अखैराज ने पूनावा जागीर प्रदान की।

कानावास:-सिंहढायच रतनसिंह को राव कानजी शिवराजोत ने कानावास जागीर मे दीया।

नेठवा:- मनीषी समर्थदानजी सिंहढायच को कश्मीर दरबार मेे से  कई कुरब कायदे प्रदान कीए।

ओसारा:- सिंहढायच गोंवीदसिंह को बांसवाडा रावल पृथ्वीसिंहजी ने 1825 मे ओसारा जागीर प्रदान की।

थेरासणा:-ठाकुर गोपालसिंह सिंहढायच को ईडर राजा राव कल्याणमलजी ने 1648 मे  30,000 आय के आलीशान चार गाँव का पट्टा जागीरी एनायत कीया।दरबार के सभी कुरब कायदे प्रदान कीए।

भारोडी:-
1865 के आसपास ठाकुर खुमानसिंह सिंहढायच को महाराणा शंभुसिंह जी ने भारोडी जागीर प्रदान की ।

*जयपालसिंह (जीगर बन्ना)थेरासणा*

और सिंहढायचो के जागीर गाँवो के ईतीहास की जानकारी कोई जानते हो तो कृपया 7984994645 पर मुजे मेसेज करे🙏🏾

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