क्षत्रिय चारण

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रविवार, 29 जुलाई 2018

हल्दीघाटी के सेनानायक विर चारण रामा सांदु

*हल्दी घाटी युद्ध मे चरणों का योगदान के आलेख से रामा सांदू जी का वर्णन*

मध्य काल मे कई चारण विद्धता के साथ ही साथ महान सेना नायक भी थे । उन्ही महान सेना नायको व योद्धाओ में एक प्रमुख नाम धर्मो जी सांदू के पुत्र रामा जी सांदू का आता है इनका जन्म मेवाड़ के चितोड़ जिले के  हुपा खेड़ी  गाँव मे हुआ ।वर्तमान में इस गाँव का नाम हापा खेड़ी के नाम से जाना जाता है ,  रामा जी सांदू महाराणा प्रताप की सेना के सेनानायक के रूप में हल्दी घाटी के युद्ध मे उपस्थित थे । उन्होंने बड़ी वीरता से युद्ध किया  तथा मुगल सेना को सर्वाधिक क्षति पहुचाने वाले दल के सेना नायक थे ।
दयाल दास राव द्वारा लिखित      " राणा रासो " में हल्दी घाटी के युद्ध का विस्तृत वर्णन मिलता है जिसमे एक भुजंगी छंद रामा सांदू के बारे में लिखा गया है ।

*भगी भीर भाऊ आशाउ उकढयौ*
*महा मोर मा झीनी के मुखख चढ़यो*
*जीते जुधध जोधा जुरे स्वामी कामा*
*पचारे तिन्हे पेखि चारनू रामा*

*ऐसी प्रकार "सगत रासो " के रचयिता गिरधर आसिया ने एक कपित लिख कर यह दर्शाया है कि युद्ध मे किन किन योद्धाओ ने भाग लिया।

उन्होंने लिखा है कि खमनोर नामक स्थान पर युद्ध हुआ राणा प्रताप की ओर से राजा रामशाह तंवर , ओर उसके दस सरदार आदि युद्ध मे काम आये*

बीकानेर के महाराणा पृथ्वीराज राठौड़ ने रामा सांदू के बलिदान पर एक डिंगल में गीत लिखा

इस युद्ध के ऊपर रामा जी सांदू ने  एक गीत लिखा जो महाराणा

 प्रताप द्वारा बहलोल खा लोदी के वध का सजीव वर्णन किया गया था ।

डॉ पुरषोत्तम लाल मेनारिया ने इतिहास से प्रमाणित करके उल्लेख किया है कि प्राचीन हस्तलिखित ग्रन्थ में उन्हें यह जानकारी के रूप में लिखी हुई मिली कि हल्दी घाटी में स . 1632 श्रावण बदी सातम राणा प्रताप सिंह जी कछवाहों मोनसिंघ सु बेढ़ तीण माह काम आया
1 सोनिगरा मोनसिंघ अखेरात
2 राठौड़ रामदास जेतमलोत ,
3 राजा राम सा तंवर गवालेर रो धणी
4 डोडियो भीम साडावत
5 पड़िहार सेठ
6 *सांदू रामा जी धरमावत*

इस प्रकार 6 प्रमुख सेनानायक युद्ध मे काम आय उसमें रामा सांदू जी सांदू भी महत्वपूर्ण स्थान रखते थे । कुछ ऐतिहासिक दशतावेजो में यह उलेख मिलता है कि हल्दी घाटी युद्ध मे  रामा जी सांदू घायल हुए थे । उनका उपचार किया गया । तथा वे महाराणा प्रताप के साथ निरंतर छापा मार युद्ध मे सेनानायक की तरह युद्ध मे मुगल सेना का सामना करते हुए देबारी में वीरगति को प्राप हुए थे  । एसी प्रकार मध्यकाल में रामा जी सांदू महान कवि के साथ साथ महान सेना नायक की तरह वीर गति को प्राप्त कर चारण जाती की कीर्ति को बढ़ा कर इतिहास में अमर हो गए



चारणाचार पत्रिका उदयपुर
सुल्तान सिंह देवल 

2 टिप्‍पणियां:

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  2. लेख में बीकानेर महाराणा की जगह महाराजा और देबारी की जगह दिवेर करने की कृपा करे

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